नमस्कार दोस्तों, आप सभी का Investologyy Blog में स्वागत है, आज इस पोस्ट में जानेंगे की,
Technical Analysis क्या है? | What is Technical Analysis? आज इस ब्लॉग में हम Technical Analysis क्या है? |What is Technical Analysis?
WHAT IS TECHNICAL ANALYSIS IN HINDI | तकनीकी विश्लेषण क्या है?
Stock Market में ट्रेडिंग के दौरान, तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) एक महत्वपूर्ण टूल होता है जो स्टॉक या इंडेक्स के विश्लेषण के लिए उपयोग किया जाता है। Technical Analysis के बिना कोई भी विश्लेषण पूर्ण नहीं हो सकता है। इसलिए, इस लेख में हम आपको बताएंगे कि तकनीकी विश्लेषण क्या होता है (What is Technical Analysis in Hindi), इसके पीछे का विज्ञान क्या है, तकनीकी विश्लेषण के कौन-कौन से टूल उपयोग किए जाते हैं और इसका महत्व क्या है।
WHAT IS TECHNICAL ANALYSIS? तकनीकी विश्लेषण क्या है?
What is technical analysis?| तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) ट्रेडर्स द्वारा पिछली ट्रेडिंग गतिविधि का विश्लेषण करके शेयरों के भविष्य के प्राइस मूवमेंट (Price movement) की भविष्यवाणी करने के लिए उपयोग की जाने वाली एक विधि है। तकनीकी विश्लेषकों विभिन्न प्रकार के चार्ट पर हो सकता है जिनमें कैंडलस्टिक(Candlestick Chart) लाईन चार्ट (Line Chart) चार्ट और वार (Bar Chart) चार्ट आदि शामिल है।
Fundamental Analysis का मानना है कि स्टॉक का बाजार मूल्य हमेशा स्टॉक के सही मूल्य से मेल नहीं खा सकता है। नतीजतन, फंडामेंटल विश्लेषक (Fundamental analyst) स्टॉक के आंतरिक मूल्य की गणना करने और कम मूल्यांकन वाले शेयरों में निवेश करके लाभ की गणना करने का प्रयास करते हैं।
दूसरी ओर, Technical Analysis का मानना है कि स्टॉक के मूल्य मूलभूत तत्व पहले से ही स्टॉक प्राइस में दर्शाए गए हैं। इसके अलावा, उनका मानना है कि स्टॉक की कीमतें समय के साथ पहचाने जाने योग्य पेटर्न में चलती हैं।
नतीजतन, वे स्टॉक के पिछले मूल्य पैटर्न का मूल्यांकन करते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि भविष्य में स्टॉक की कीमत कैसे हो सकती है। तकनीकी विश्लेषण एक अवधारणा है जिसका उपयोग किसी भी स्टॉक या इंडेक्स में लाभ के अवसरों की पहचान करने के लिए किया जा सकता है।
Technical Analysis के पीछे मनोविज्ञान (Psychology behind Technical Analysis)
अब आप जानते हैं कि तकनीकी विश्लेषण क्या है (What is Technical Analysis), आइए Technical Analysis के पीछे मनोविज्ञान को समझे। Technical Analysis बहुत प्रभावी है क्योंकि लोग हमेशा एक ही व्यवहार का पालन करते हैं और लोग अक्सर अपने ट्रेडिंग निर्णय भावनाओं द्वारा लेते हैं। ज्यादातर लोगों को पहले से ही पता होगा कि ट्रेडिंग करते समय भावनाएं बहुत हानिकारक होती हैं। लेकिन ट्रेडिंग करते समय कुछ ही लोग भावनाओं को नियंत्रित करते हैं। शेयर मार्केट में ज्यादातर लोग उम्मीदों के आधार पर ट्रेडिंग करते है न कि तथ्यों के आधार पर।
एक और महत्वपूर्ण कारण है कि Technical Analysis इतना प्रभावी क्यों है, चूंकि बहुत से लोग Technical Analysis की अवधारणाओं का पालन करते हैं और उनके द्वारा समर्थित निर्णय लेते हैं, वे इस तथ्य को सत्यापित करते हैं कि तकनीकी इंडीकेटर और अन्य अवधारणाएं सिर्फ इसलिए काम करती हैं क्योंकि वे व्यापक हैं। शेयर मार्केट लोगों की भावनाओं पर चलता है और सभी ने Technical Analysis एक जैसे ही सीखा है इसी कारण ट्रेडर्स ट्रेडिंग में Support and Resistance लेवल बनाते है।
TECHNICAL ANALYSIS की धारणा (Concept of Technical Analysis)
अब जब आप जानते हैं कि तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) क्या है और Technical Analysis के पीछे का मनोविज्ञान क्या है। आइए Technical Analysis की विभिन्न मान्यताओं को देखें।
1: शेयर बाजार हमेशा डिशकाउंट पर खरीदने का मौका देता है।
Technical Analysis का मानना है कि शेयर बाजार हर एक शेयर को डिशकाउंट पर देता है, वशर्ते आप सही समय पर शेयर खरीदे। शेयर हमेशा डिशकाउंट पर खरीदने का मौका देता है, इस वात से हमारा मतलब है कि मार्केट कभी भी एक दिशा में नहीं चलता है, बह कभी अपट्रेंड में, कभी डाउन ट्रेड में या साइड्वेज रहता है। इस लिए कहा जाता है कि अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते है तो सही प्राइस लेवल का इंतजार करे। कभी भी मार्केट के टॉप पर जाकर खरीदारी न करें, जब बो स्टॉक नीचे आ जाए वह समय होता है शेयर को खरीदने का ।
2: शेयर मार्केट प्राइस ट्रेंड में चलती है।
Technical Analysis का मानना है कि बाजार प्राइस ट्रेंड में चलता है। लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है क्योंकि ज्यादातर समय शेयर साइडवेज रहता है। कुछ Technical Analysis रणनीतियों ने इस धारणा का समर्थन किया है। ऑप्शन ट्रेडिंग ही एकमात्र ऐसा तरीका है जिसमें आप साइड्वेज मार्केट में भी पैसा बना सकते है।
ये भी पढ़े
शेयर मार्केट में पहली निवेश तो रखें खास ध्यान 2023 में
TECHNICAL ANALYSIS के टूल(Technical analysis tools)
अब जब आप जानते हैं कि तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) क्या है, तो आइए इसमें उपयोग किए जाने वाले विभिन्न टूल्स को देखें:
1.Charts
Candle Stick: यह चार्ट सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले तकनीकी विश्लेषण टूल्स में से एक है जिसका उपयोग शेयर बाजार का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा मार्केट में बार चार्ट(Bar Chart) रेन्को चार्ट( Renko Chart) और लाइन चार्ट(Line Chart) का भी उपयोग किया जाता है। जहां एक ट्रेडर अपनी पूरी टेक्नीकल एनालिसिस(Technical Analysis) कर अपने ट्रेडिंग निर्णय लेता है।
Line Chart: यह किसी भी स्टॉक या इंडेक्स की बंद कीमतों को मिलाकर बनाया जाता है। उन्हें मासिक, साप्ताहिक और यहां तक कि प्रति घंटा आधार पर बंद कीमतों की जांच करके तैयार किया जा सकता है।
Bar Chart: Bar Chart दिन की सभी चार प्रमुख कीमतों, अर्थात्, ओपन, निम्न, उच्च और क्लोजिंग प्राइस दर्शाते हैं। नीचे दी गई तस्वीर से पता चलता है कि एक बार चार्ट कैसे बनाया जा सकता है और यह समय अवधि के दौरान सकारात्मक या नकारात्मक भावना कैसे दिखाता है।
Candle Stick: ये सबसे महत्वपूर्ण हैं और सबसे अधिक ट्रेडर द्वारा उपयोग किया जाता है। यह स्टॉक की ओपन निम्न, उच्च और क्लोजिंग प्राइस दर्शता हैं।
The Real body: यह ओपन और क्लोजिंग प्राइस को मिलाकर बनाया जाता है। बुलिश और मंदी की कैंडलस्टिक के शरीर को विभिन्न रंगों द्वारा चित्रित किया जाता है।
उदाहरण के लिए: उपरोक्त तस्वीर में, हम बुलंद कैंडलस्टिक के लिए सफेद रंग का उपयोग कर रहे हैं और जब खुली कीमत बंद होने की कीमत से कम होती है और काले रंग का उपयोग मंदी की कैंडलस्टिक दिखाने के लिए किया जाता है। जहां बंद कीमत खुली कीमत से कम होती है।
Upper Shadow: यह एक बुलंद कैंडलस्टिक के मामले में उच्च मूल्य को बंद मूल्य से जोड़ता है। इसी तरह, एक मंदी की कैंडलस्टिक के मामले में, यह उच्च मूल्य को खुली कीमत से जोड़ता है।
Lower Shadow: यह एक बुलंद कैंडलस्टिक के मामले में कम कीमत को खोलने के लिए जोड़ता है। इसी तरह, एक मंदी की कैंडलम्ि मामले में, यह कम कीमत को बंद मूल्य से जोड़ता है।
Candle Stick व्याख्या करने में आसान हैं और मासिक, साप्ताहिक, दैनिक या इंट्राडे चार्ट जैसे विभिन्न समय के फ्रेम के लिए बनाया जा सकता है। वे कुछ पैटर्न बनाते हैं जो स्टॉक या इंडेक्स के भविष्य की कीमत की भविष्यवाणी करने में मदद करते हैं। कैंडलस्टिक्स के कई प्रकार के पैटर्न हैं जिन्हें हम किसी अन्य पोस्ट में एक अलग विषय के रूप में चर्चा करेंगे।
Point or Figure Chart: वे समय बीतने पर विचार किए बिना मूल्य मूवमेंट को दर्शाते हैं। उनमें एक्स और ओ शामिल हैं जो विभिन्न दिशाओं में मूल्य मूवमेंट का प्रतिनिधित्व करते हैं। एक्स कीमतों में वृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। ओ कीमतों में गिरावट का प्रतिनिधित्व करते हैं। ग्राफ पर एक एक्स का मतलब है कि एक मूल्य इकाई वृद्धि और एक ओ का मतलब एक मूल्य यूनिट गिरावट है।
आप ऊपर दिए गए फोटो में देख सकते है जिसमें ट्रेडिंग में उपयोग होने बाले चार चार्टो को लगाया है जिनमें कैंड्लिस्टिक चार्ट, वार चार्ट, लाइन चार्ट और रेनको चार्ट शामिल है।
ये भी पढ़े
2. Indicator
Indicator: ज्यादातर नये ट्रेडर्स द्वारा उपयोग किए जाते हैं। शेयर बाजार में बहुत से इंडीकेटर उपलब्ध हैं। कुछ लेगिंग इंडीकेटर और कुछ लिडिंग इंडीकेटर हैं जैसे- स्टोकेस्टिक इंडिकेटर(Stochastic indicator) फिबोनैचि सीरीज(Fibonacci Series) एमएसीडी हिस्टोग्राम(MACD histogram) आरएसआई (RSI) ईएमए (EMA) एमए (MA) इत्यादि ।
3.Price Action Technic
Trading में प्राइस एक्शन टेक्निक का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। जिसमें प्राइस एक्शन का अर्थ है प्राइस + एक्शन | प्राइस एक्शन (Price Action) टेक्नीक ट्रेडर्स केवल सपोर्ट एंड रेसिस्टेंस(Support & Resistance) ट्रेंड लाइन(Trend Line) डिमांड एंड सप्लाई (Demand & Supply) जोन आदि की कीमत और वॉल्यूम (Volume)पर ध्यान केंद्रित करते हैं। प्राइस एक्शन(Price action) ट्रेडर ट्रेडिंग में किसी भी इंडीकेटर का उपयोग उपयोग नहीं करते है।
TECHNICAL ANALYSIS का महत्व(Importance of technical analysis)
ट्रेडर्स के लिए Technical Analysis बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वे पैसा बनाने के लिए बाजार में अल्पकालिक अवसर ढूंढते हैं। Technical Analysis बाजार की भावना, वर्तमान रुझान, चार्ट, इंडीकेटर्स और कई अन्य चीजों के विश्लेषण के लिए विभिन्न उपकरण प्रदान करता है। आप बिना तकनीकी विश्लेषण के ट्रेडिंग में पैसा नहीं कमा सकते हैं। इसलिए अगर आपने ट्रेडर बनने का निश्चय किया है तो Technical Analysis अच्छे से सीखना होगा।
तकनीकी विश्लेषण (TECHNICAL ANALYSIS) के लाभ और नुकसान तकनीकी विश्लेषण के लाभ
शेयर बाजार में प्राइस मूवमेंट(Price movement) के संकेतों की पहचान करने में सक्षम होना किसी भी ट्रेडिंग स्ट्रैटजी(trading strategy) का एक प्रमुख हिस्सा है। सभी ट्रेडर्स को एक बाजार में सबसे सही प्रवेश और निकास प्राइस पॉइंट(exit price point) का पता लगाने के लिए एक कार्यप्रणाली पर काम करने की आवश्यकता होती है, और तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करना एक बहुत ही लोकप्रिय और आसान तरीका है।
वास्तव में, तकनीकी विश्लेषण टूल इतने सामान्य रूप से उपयोग किए जाते हैं, कि बहुत से लोग मानते हैं कि उन्होंने स्वंय के ट्रेडिंग नियम बनाए हैं: जैसे-जैसे समय के साथ ट्रेडर को ट्रेडिंग का अनुभव होता है वैसे-वैसे वह मार्केट को तकनीकी विश्लेषण की सहायता से वेहतर समझने लगता है।
एक ट्रेडर की यात्रा को आसान बनाने के लिए Technical Analysis में बहुत सारे टूल दिए गए है जैसे- कैंडलस्टिक पैटर्न, ट्रेडिंग पैटर्न और इंडीकेटर्स् ।
Technical Analysis के नुकसान(Disadvantages of Technical Analysis)
शेयर मार्केट एक ऐसी जगह है जिसका 100% अनुमान कोई भी नहीं लगा सकता है। ठीक इसी प्रकार इस बात की कोई निश्चित गारंटी नहीं है कि विश्लेषण का कोई भी रूप या तकनीकी या फंडामेंटल – 100% सटीक होगा। हालांकि ऐतिहासिक मूल्य पैटर्न हमें किसी शेयर या इंडेक्स के संभावित प्राइस का अनुमान लगाने में मदद करते है लेकिन यह भी सफलता का कोई वादा नहीं है।
जैसे हर एक सिक्के के दो पहलु होते है ठीक इसी प्रकार शेयर बाजार का एक पहलु ऐसा है जो आपको करोड़पति बना सकता है, बही इसका दूसरा पहला आपको रास्ते पर भी ला सकता है। इसी लिए शेयर मार्केट में हमेशा अपने रिस्क को मैनेज करके चलना चाहिए।
Technical Analysis का उपयोग कब करना चाहिए ?(When should technical analysis be used?)
Technical Analysis का use Intraday Trading, Short Term Trading, Swing Trading के लिए किया जाता है, क्योकि Technical Analysis बना ही उन चीजों के लिए है. आप Technical Analysis की हेल्प से Long Term Trading नहीं कर सकते उस के लिए फंडामेंटल एनालिसिस(Fundamental Analysis) है|
इसलिए हमेशा याद रखें जब भी आप Intraday Trading, Short Term Trading Swing Trading कर रहे हो तो उस स्टॉक का Technical Analysis जरूर करे|
टेक्निकल एनालिसिस फेल क्यों हो जाता है?(Why does technical analysis fail?)
कई बार आप किसी स्टॉक की अच्छी रिसर्च करते हो और उसका Technical Analysis करके उस के शेयर खरीद लेते हो, लेकिन उस टाइम चीज़े आपके मुताबिक नहीं चलती और शेयर के प्राइस डाउन(Price down) हो जाते है ,ऐसा ज्यादातर तब होता है, जब उस शेयर के बारे में झूठी अफवाह मार्केट में फैलाई जाए|
दोस्तो याद रखे ये जरूरी नहीं कि Technical Analysis करके अपको हर बार सही रिजल्ट ही मिले. अगर दस में से सात बार अपने Technical Analysis करके प्रॉफिट कमाया है, तो तीन बार लॉस को भी झेलने के लिए तैयार रहो.
स्टॉक Technical Analysis के लिए सर्वश्रेष्ठ टूल्स की list(List of Best Tools for Stock Technical Analysis)
1. स्क्रीनर प्लस (Screener Plus)
• सबसे बड़ा Technical Analysis टूल्स चार्ल्स श्वाब (Charles Schwab)का सामान्य ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, और स्क्रीनर प्लस उस प्लेटफॉर्म का एक स्टैंडआउट घटक (standout ingredient)है. यह रियल टाइम डेटा स्ट्रीमिंग (Real time data streaming) का लाभ लेता है. क्लाइंट विभिन्न महत्वपूर्ण और उपयोगी मानदंडों का उपयोग करके स्टॉक और ईटीएफ फिल्टर (Stock and ETF Filters) करने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं. यह मान्यता के विशिष्ट संकेतों को (Distinctive signs of recognition) भी दर्शाता है|
• डीलर स्क्रीनर प्लस (Dealer Screener Plus)का उपयोग करके उनके लिए सबसे उपयुक्त सीमाएं स्थापित कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, स्ट्रीटस्मार्ट एज(Street-smart edge) से बनाए गए डिज़ाइन पैटर्न मान्यता प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं. फोन पर, कई तकनीकी विश्लेषण संकेत उपलब्ध हैं, लेकिन कोई ड्रॉइंग टूल नहीं हैं.
2.थिंकोरस्विम(Thinkorswim)
• थिंकोरस्विम (Thinkorswim Trade) अमेरिट्रेड(ameritrade)द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक अत्याधुनिक विकल्प केंद्रित प्लेटफॉर्म है, यह ट्रेडर को अपनी पसंद के साधनों का उपयोग करके इसे कस्टमाइज़(Customize) करने में सक्षम बनाता है. विकल्प व्यापारियों की सेवा करने के लिए थिंकोरस्विम(Thinkorswim) बनाया गया. इसमें विभिन्न प्रकार के एनालिटिकल टूल(analytical tools) शामिल हैं, जिनमें टेक्निकल इंडिकेटर (Technical indicator) ड्रॉइंग टूल (drawing tools) और डेटा विजुअलाइज़ेशन टूल(data visualization tools) शामिल हैं, जो स्टॉक ट्रेडर के लिए लाभदायक हैं.
• थिंकरस्विम के साथ, व्यापारी अपनी विश्लेषणात्मक क्षमताओं में सुधार कर सकते हैं. बिल्ट-इन स्क्रिप्टिंग लैंग्वेज थिंकस्क्रिप्ट(built-in scripting language ThinkScript) का भी उपयोग करें. थिंकोरस्विम में विंडो, वेब और मोबाइल ऐप संस्करण भी उपलब्ध हैं. रियल-टाइम स्ट्रीमिंग डेटा(real-time streaming data) हर एक को शक्ति प्रदान करता है.
3.ऐक्टिव ट्रेडर प्रो (Active Trader Pro)
ऐक्टिव ट्रेडर प्रो फिडेलिटी(Active Trader Pro Fidelity) के ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का ब्रांड नाम है. इसमें विभिन्न प्रकार की विशेषताएं हैं जो मूल वेबसाइट के उच्चतम हैं. इसमें ट्रेडिंग के साथ-साथ पर्सनलाइज़्ड चार्टिंग के टूल (Personalized Charting Tools) शामिल हैं. जब आप कुछ तकनीकी इंडिकेटर(Technical indicators) प्रदर्शित करने में रुचि रखते हैं, तो एप्लीकेशन आपको अलर्ट भेज सकता है.
● मान्यता के तकनीकी पैटर्न और विशेषताएं वेबसाइट आधारित फाइडेलिटी चार्टिंग (fidelity charting) में शामिल हैं. वेबसाइट पर, एडवांस्ड चार्टिंग तकनीक (Advanced Charting Techniques) आपको 60 से अधिक पूरी तरह से कस्टमाइज़ेबल तकनीकी सिग्नल (Customizable Technical Signals) और 40 वर्ष तक के स्टॉक डेटा देखने की सुविधा देते हैं.
•विश्वसनीयता अध्ययन केंद्र, जिसमें वीडियो, आर्टिकल, इन्फोग्राफिक्स, वेबिनार और आर्काइव्ड (Videos, Articles, Infographics, Webinars and Archived) वेबिनार शामिल हैं, जो तकनीकी विश्लेषण पर लगातार जोर देता है. हर हफ्ते, फिडेलिटी (Fidelity) ऑनलाइन कोचिंग सेशन भी प्रदान करती है|
4. आशा की ढलान (slope of hope)
• 2005 में, क्रिएटर और पर्मा-बेयर टिम नाइट(Creator and Perma-bearer Tim Knight) ने अपनी चार्टिंग वेबसाइट बेची, जिससे आशा की ढलान बढ़ गई. इसने व्यापार रणनीतियों, तकनीकी विश्लेषण, चार्ट और अन्य विषयों पर चर्चा करने के लिए सभी पट्टियों के व्यापारियों के लिए एकत्र स्थान बनाया है.
• कई विशेषताएं इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र हैं, जब कार्यक्षमता की बात आती है, तो वे अधिक महंगी वेबसाइटों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं स्लोपचार्ट(slope chart) का एक आवश्यक घटक ढलान है. यह आपको तकनीकी अवधारणाओं के आधार पर ट्रेडिंग रणनीतियों का विकास और मूल्यांकन करने में सक्षम बनाता है. उन्हें टेस्ट करने के लिए आप चार्ट पर उपयोग करना चाहते हैं नियम ड्रैग करें और छोड़ें जब आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है, तो एक अलर्ट बनाएं|
5. इंटरेक्टिव ब्रोकर( interactive broker)
• प्रीमियर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म interactive broker है. ऐक्टिव ब्रोकर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सभी टूल्स पर चार्टिंग बहुत अनुकूल है. कई संकेत और रियल- टाइम डेटा भी प्रदान किए जाते हैं. ट्रेडर वर्कस्टेशन (TWS) में 120 से अधिक इंडिकेटर और 30 वर्षों से अधिक का डेटा शामिल है, जो इसे बेहतरीन टेक्निकल एनालिसिस स्किल (technical analysis skills) देता है|
• TWS का मुफ्त ट्रायल वर्ज़न है. यह ट्रेडर्स को प्लेटफॉर्म की कार्य क्षमता और प्रैक्टिस ट्रेडिंग परिदृश्यों की ठोस समझ प्राप्त करने का लाभ देता है. आपका अकाउंट किसी अन्य एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर (analytics software)से लिंक किया जा सकता है. इन्वेस्टर मार्केटप्लेस (Investor marketplace) पर रिटेलर की पूरी लिस्ट मिल सकती है|
ये भी पढ़े
Technical Analysis का क्या काम है?(What is the work of Technical Analysis?)
Technical Analysis करने से आपको मूल्य के व्यवहार (Price behavior’s) के बारे में पता चलता है मतलब किसी स्टॉक का प्राइस किस तरह से move करता है।
इसके लिए आपको बाजार का ट्रेंड पता करना आवश्यक होता है । चार्ट पर आपको तीन तरह के ट्रेंड दिखते हैं;
1. पहला अपट्रेंड (Uptrend) (जब मार्केट की दशा ऊपर की ओर होती है),
2. दूसरा डाउनट्रेंड(Downtrend) (जब मार्केट की दशा नीचे की और होती है)
3. तीसरा है sideways trend ( जब मार्केट एक ही रेंज में ऊपर नीचे होता रहता है इसे consolidated मार्केट भी कहते हैं)
नुकसान से बचने के लिए आपको कभी भी बाजार के ट्रेंड के विपरीत ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए । कुछ लोग trend reversal अर्थात trend के विपरीत जाकर भी ट्रेडिंग करते हैं उसके लिए आपको ट्रेडिंग में सभी chart patterns बारीकी से पता होना जरूरी है।
Technical Analysis यह पता लगाने में काम आता है कि,स्टॉक का प्राइस ऊपर जाएगा और कब नीचे, कहां पर entry लेना है और कहां पर exit करना है, टारगेट और स्टॉप लॉस क्या होंगे, सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल क्या होंगे…
Conclusions:
आप समझ ही गए हैं Technical Analysis में, तो ये सुनिश्चित करें कि ट्रेडिंग में कूदने से पहले, आपने Technical Analysis सीखा है। क्योंकि Technical Analysis के बिना आप स्टॉक या इंडेक्स का analysis नहीं कर सकते। यदि आप अपनी ट्रेडिंग यात्रा शुरू करना चाहते हैं, तो पहले स्टॉक मार्केट का बेसिक सीखें फिर Technical Analysis में आपको हमेशा कैंडलस्टिक से शुरुआत करनी चाहिए।