What is Mutual Fund? | Mutual Fund क्या होता है? 2024

What is Mutual Fund? अगर आप शेयर बाजार की बारीकियों की बहुत अच्छी जानकारी नहीं रखते हैं, लेकिन इसमें निवेश करके फायदा कमाना चाहते हैं। तो फिर म्यूचुअल फंड्स आपके लिए बेहतर विकल्प होते हैं। म्यूचुअल फंड्स का मैनेजर आपके पैसों को सारी चीजें समझ- बूझकर इस तरीके से लगता है या निवेश करता है कि आपको कम से कम नुकसान हो और अच्छा रिटर्न भी मिल सके। इस लेख में हम जानेंगे कि म्यूचुअल फंड क्या होता है? कितने प्रकार के होते हैं? और इनके क्या फायदे होते हैं? What is mutual fund Hindi How many types of mutual Funds?

Table of Contents

What is Mutual Fund?

म्यूचुअल फंड क्या है? | What is Mutual Fund?

What is Mutual Fund? म्यूचुअल फंड को हिंदी में समझाने के पहले हम इसकी एक छोटी सी अंग्रेजी परिभाषा जान लेते हैं। यह है- A mutual fund is a pool of money managed by a professional Fund Manager for the purpose of better investment and high returns Mutual Funds का हिंदी में मतलब होता है-पारस्परिक निधि । थोड़ा और सरल भाषा में कहें तो साझा रकम । दरअसल म्यूचुअल फंड में, कई लोगों का पैसा एक साथ मिलाकर शेयर बाजार या निवेश योजनाओं में लगाया जाता है। इस तरह से म्यूचुअल फंड्स में, आपके साझा पैसे का सामूहिक निवेश किया जाता है। उसका जो भी फायदा होता है, वह भी सबके निवेश हिस्सों के हिसाब से बांटकर दे दिया जाता है।

What is Mutual Fund? निवेश करने वाले लोगों का पैसा कहां-कहां और कैसे निवेश करना है, यह एक विशेषज्ञ लोगों की टीम करती है। ये टीम एक Fund Manager के अधीन काम करती है। उस टीम में मार्केट और शेयर बाजार को समझने वाले प्रोफेशनल्स रखे जाते हैं। कंपनियों और उनके शेयरों के पिछले रिकॉर्ड और आगे की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए वह टीम, लोगों के पैसों का इस तरह से निवेश करती है कि उससे कम से कम नुकसान के साथ अच्छा रिटर्न मिल सके।


इस तरह से Mutual Funds आपको बड़ी-बड़ी कीमत वाले निवेश उपायों में भी, कम पैसे लगाकर निवेश का लाभ प्राप्त करने की सहूलियत उपलब्ध कराते हैं।

अब हम म्यूचुअल फंड्स से जुड़े कुछ प्रमुख शब्दों (Terms) कभी समझ लेते हैं-

Mutual Fund Unit:

एक म्यूचुअल फंड (Mutual Fund ) में कई तरह के निवेश उपायों को शामिल किया जाता है। इसमें कई तरह के शेयर भी हो सकते हैं और कई तरह के बांड्स भी हो सकते हैं। इसी तरह डेरिवेटिव और ट्रेजरी बिल भी शामिल हो सकते हैं। ये जो निवेश की पूरी खिचड़ी होती है, उस पूरी खिचड़ी को एक कुछ संख्या में बांट दिया जाता है। इसमें से जो 1 हिस्सा होता है वह उस म्यूचुअल फंड की एक इकाई या एक यूनिट कहा जाता है।

एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC):

भारत में बहुत सी Mutual fund companies चल रही हैं। इन Mutual fund companies को Asset Management Companies या AMC भी कहते हैं। AMC, दरअसल, SEBI में रजिस्टर्ड ऐसी कंपनी होती है, जो mutual fund स्कीम बनाती हैं और लोगों से पैसा जमा करती है। यही कंपनी फंड मैनेजर को भी नियुक्त करती हैं।

म्यूचुअल फंड स्कीम(MFS):

Mutual fund companies  mutual fund schemes संचालित करती हैं। हर scheme में निवेश का अलग लक्ष्य (Objectives) होता है। जैसे कोई एक स्कीम सिर्फ बड़ी कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाती है तो दूसरी सिर्फ छोटी कंपनियों में निवेश करेगी। कोई तीसरी स्कीम सिर्फ government bonds में पैसा लगा सकती है। इस तरह से हर company अलग-अलग उद्देश्यों वाले कई mutual fund scheme शुरू करती है।

फंड मैनेजर(FM):

हर scheme में पैसा लगाने की जिम्मेदारी किसी fund manager को दी जाती है। कोई एक व्यक्ति कई schemes का fund manager भी हो सकता है।

म्युचुअल फंड के प्रकार | Types Of Mutual Fund

What is mutual fund?

अपने investment portfolio के आधार पर mutual fund कई प्रकार के होते हैं। SEBI ने mutual funds को 5 भेदों में श्रेणीबदूध categorized किया है। इनका संक्षेप में परिचय हम नीचे दे रहे हैं।

इक्विटी फंड | Equity Fund

Equity mutual funds का ज्यादातर पैसा shares में गाया जाता है। ऐसी schemes के fund manager कम से कम 65% परसेंट रकम शेयर में ही लगानी होती है। पैसे को वो बॉन्ड या फिर बैंक में रख सकता है। अब चूंकि equity mutual fund को शेयरों में निवेश किया जाता है। तो इनका return भी share market के हिसाब से मिलता है। यानी कमाई की सबसे ज्यादा संभावना होती है लेकिन रिस्क भी इसमें ज्यादा होता है।

Equity fund से होने वाली Income पर long term capital gains tax नहीं लगता है, जबकि short-term capital gain को आपकी Income में जोड़कर tax calculation में शामिल करते हैं।

डेट फंड | Debt Fund

इस प्रकार के mutual fund की रकम को मुख्य रूप से bonds और corporate fixed deposit में निवेश किया जाता है। किसी debt mutual fund के साथ यह अनिवार्य शर्त होती है कि उसका कम से कम 65 प्रतिशत पैसा बॉन्ड या बैंक डिपॉजिट में लगाया जाए। उदाहरण के लिए government bonds, company bonds, corporate fixed deposits 3 bank deposits वगैरह। बाकी रकम को equity यानी शेयरों में लगाया जा सकता है।

बैलेंस्ड म्युचुअल फंड | Balanced Mutual Fund

Balanced Mutual Fund में आपके पैसे को शेयर और बॉन्ड दोनों में लगाते हैं। जैसा कि आप जानते ही हैं कि शेयर में return ज्यादा मिलता है लेकिन वो risky होते हैं जबकि bond सुरक्षित होते हैं लेकिन उसमें रिटर्न कम मिलता है। इसलिए इन दोनों पैसे लगाकर ये म्यूचुअल फंड safety के साथ-साथ बढ़िया रिटर्न देने की कोशिश करता है।
हालांकि ये म्यूचुअल, शुद्ध शेयर में पैसा लगाने वाले equity mutual fund से कम return देते हैं और शुद्ध बॉन्ड में पैसा लगाने वाले debt fund से कम safe होते हैं। Market के अच्छे समय में ये funds न तो Equity Funds की तरह बहुत ऊंचा रिटर्नदेते हैं और न ही Market के बुरे समय में Equity Funds की तरह ये आपको बहुत खराब return देते हैं।

इंडेक्स फंड | Index Fund

इंडेक्स फंड भी अन्य equity fund की तरह शेयरों में पैसा निवेश करता है। लेकिन यह equity fund से अलग इस मायने में होता है कि यह अपने हिसाब से चुने हए शेयरों में पैसा नहीं लगाता। बल्कि बाजार के सूचकांकों (market indices) के structure की ही copy करके पैसा लगाता है। Sensex, Nifty, CNX-200, CNX 500 वगैरह बाजार सूचकांकों हैं।

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ETF

Exchange Traded Fund (ETF) मूल रूप से Index Fund ही होते हैं। लेकिन इन index funds को stock exchange में सीधे खरीदा बेचा जा सकता है। शेयरों की तरह ही exchange-traded fund की कीमत भी बाजार के घंटों (market hours) के दौरान लगातार बदलती रहती है। आप किसी शेयर दलाल (stockbroker) से exchange traded fund खरीद सकते हैं। इन्हें खरीदने के लिए, यानी कि इनमें पैसा लगाने के लिए आपको mutual fund distributor की जरूरत नहीं होती।

हेज फंड | Hedge Fund

हेज फंड थोड़ा उदार फंड होते हैं। ये किसी regulation तहत बंधे नहीं होते। और न ही retail investor इनमें पैसा लगा सकते हैं। सिर्फ कुछ select group of high-net-worth individuals ही सामूहिक रूप से hedge funds में निवेश करते है। hedge funds का fund manager भी आक्रामक रणनीति के साथ शेयरों में पैसा लगाता है। hedge funds का fund manager दुनिया में कहीं भी पैसा निवेश है।

सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड का चुनाव कैसे करें:

मेरे ख्याल से अब आप Mutual Fund की बेसिक जानकारियों से परिचित हो गए होंगे। अब अगर आप इनमें Investment का मन बनाते हैं तो आपके अंदर यह जानने की भी इच्छा होगी कि किसी खास Category में सबसे अच्छे या Top 10 Mutual Funds कौन-कौन से हैं। लेकिन, ये काम बहुत आसान नहीं है। किसी Investment Plan के भविष्य के बारे में बिल्कुल सटीक (Exact) जानकारी देना वैसे भी Possible नहीं है। हालांकि हम आपको कुछ ऐसे उपायों (Tools) की संक्षेप में यहां जानकारी दे देते हैं जो आपको Mutual Funds में निवेश के लिए बेहतर Decision लेने में सहायक होंगे।

निवेश के लिए अच्छा फंड मैनेजर चुनें

fund manager, दरअसल किसी mutual fund scheme के ड्राइवर के रूप में होता है। पूरे निवेश को मैनेज करने वाली टीम को वही उपयुक्त vision प्रदान करता है। वही आपके investment पर अंतिम रूप से decision लेता है। तो सबसे पहले जरूरी है कि आप बेहतर और विश्वसनीय fund manager का चुनाव करें।

पिछले कुल वर्षों का औसत देखें और हर साल का औसत प्रदर्शन देखें:

किसी mutual fund scheme की performance जाने का एक यह भी बेहतर तरीका है कि आप उसकी पिछले कुछ सालों की Performance को चेक कर लें। यहां यह ध्यान रखें कि सिर्फ किसी एक या सिर्फ कुछ खास वर्षों Record के आधार पर ही Investment का निर्णय न लें। ये आपको Mislead सकते हैं। छोटी अवधि में किसी सुस्त Scheme की परफार्मेंस भी Top पर दिख सकती है। यह दोबारा फिर से खराब Performance दे सकती है।

सबसे अच्छा तो यह होगा कि लंबी अवधि के दौरान उसकी Average Performance को भी देंखें और साल दर साल (Year by Year) अलग-अलग Performance को भी । अगर वह दोनों तरीके से बढ़िया लग रहा हो, तभी उसमें पैसा लगाने का निर्णय लें।

रिस्क की कैटेगरी भी चेक करें:

आपको mutual fund की Risk Category से भी परिचित होना चाहिए। आपके mutual fund को Market के किसी उतार या चढाव पर बहुत तेज प्रतिक्रिया (Reaction) वाला नहीं होना चाहिए। किसी Scheme की Risk Category जानने के लिए आप उस Time Period पर नजर डालें, जबकि Market में तेजी से बदलाव हुए हों। देखें कि Market साथ साथ उस mutual fund scheme के NAV में किस तरह के बदलाव हुए हैं। क्या यह Market के उतार-चढ़ाव से ज्यादा उतार-चढ़ाव दिखा रहा है? अगर हां, तो आपका इससे दूर रहना ही बेहतर है।

Mutual Fund में कैसे करें निवेश की शुरुआत? कितनी होगी कमाई?

म्यूचुअल फंड का यह सबसे बड़ा फायदा है कि आप ₹500 या ₹1,000 से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं.

हम सभी ने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के बारे में कभी न कभी तो सुना ही होगा. लेकिन निवेश का फैसला सभी नहीं ले पाते हैं. ये भी सच है कि अधिकतर लोगों को इस बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है. ऐसे लोग निवेश करना तो चाहते हैं, लेकिन डरते हैं कि कहीं पैसा डूब ना जाए? आज हम आपके लिए म्यूचुअल फंड से जुड़ी पूरी जानकारी लेकर आए हैं.

किस तरह से म्यूचुअल फंड काम करता है, ध्यान से समझते हैं?

म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा है कि आपको निवेश करने के लिए मोटी रकम की जरुरत नहीं है. आप केवल 500 रुपये से भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं. मान लीजिए की आप किसी कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन उसके एक शेयर की कीमत 25000 रुपये है. लेकिन म्यूचुअल फंड के जरिये आप ऐसी कंपनियों में केवल 500 रुपये में भी निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड तमाम निवेशकों से 500-500 रुपये जमाकर उस कंपनी में बड़ी रकम निवेश करती है.

म्यूचुअल फंड में निवेश के फायदे-

1.म्यूचुअल फंड में निवेश पर आपको यह सोचने की जरुरत नहीं होती है कि जिस कंपनी में आप निवेश कर रहे हैं, उसकी ग्रोथ क्या है, ये काम फंड मैनेजर करता है.

2. म्यूचुअल फंड का एक बड़ा फायदा होता है कि यह आपके पैसे को अलग-अलग सेक्टर और एसेट में निवेश करता है. मान कि किसी सेक्टर जैसे बैंकिंग या ऑटो सेक्टर में किसी कारणवश मंदी आ जाती हैं तो इससे संपूर्ण पोर्टफोलियो पर अधिक फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि इस सेक्टर में थोड़ा- सा निवेश होगा, जिससे सम्पूर्ण पोर्टफोलियो पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ेगा.

3. म्यूचुअल फंड में आप 500 या 1000 रुपये से भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं. आप यह भी तय कर सकते हैं कि कितने अंतराल पर इसमें निवेश करेंगे. यह साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर हो सकता है. इस प्रकार कुछ समय के बाद आप एक बड़ी रकम जुटा सकते हैं.

म्यूचुअल फंड कैसे खरीदें?

इसके लिए आप मोबाइल एप्प, एजेंट के माध्यम या फिर ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर जाकर आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.

आज कई ऐसे प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं, जिनके माध्यम से आप एक जगह से कई म्यूचुअल फंड की स्कीम खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं, आप अपनी म्यूचुअल फण्ड स्कीम की ग्रोथ, रिटर्न की तुलना एवं ट्रैकिंग भी आसानी से कर सकते हैं. ऑनलाइन निवेश ने म्यूचुअल फंड को ओर आसान बना दिया है. (नोट: म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)

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म्यूचुअल फंड में निवेश करने के नुकसान

जिस प्रकार म्यूच्यूअल फंड में पैसे लगाने के फायदे है उसी प्रकार म्यूचुअल फंड के नुकसान भी है जो निम्न प्रकार है।

1. रिटर्न की गारंटी नहीं

बाजार में कई ऐसे इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस मौजूद है जो आपको एक निश्चित रिटर्न देते हैं। लेकिन म्यूच्यूअल फंड में ऐसा नहीं होता है म्यूच्यूअल फंड का फायदा सीधे स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव से होता है। स्टॉक मार्केट में हमेशा रिस्क बना रहता है। यही कारण है कि म्यूचुअल फंड के फायदे में भी उतार-चढ़ाव लगा रहता है।

अगर आपको लगता है कि आप कम समय में म्यूचुअल फंड से बहुत अधिक मुनाफा प्राप्त कर लेंगे तो यह आपकी गलतफहमी है। क्योंकि कम समय में म्यूचुअल फंड में आपको मुनाफा नहीं हो सकता इसके लिए आपको अपना निवेश लंबे समय तक के लिए म्यूचुअल फंड में लगाना होगा तभी आप बड़ा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।

2. म्यूच्यूअल फंड की लागत

म्यूच्यूअल फंड को संभालने के लिए हमारे द्वारा निवेश किए गए फंड में कुछ पैसा expense ratio के रूप में फंड हाउस को दिया जाता है। अगर आप कम अवधि के लिए निवेश करते हैं तो यह खर्चा आपको कम लगेगा परंतु वही जब आप लंबे समय के लिए निवेश करते हैं तो यह बहुत अधिक हो जाता है। इसलिए जब भी आप म्यूचुअल फंड में निवेश करें तो उससे पहले म्यूचुअल फंड के खर्चों से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त कर लें।

3. एग्जिट लोड (Exit Load) लेना

अगर आप म्यूचुअल फंड के निवेश को 1 वर्ष के भीतर ही निकाल लेते हैं तो आपको उस पर 1% Exit Load देना होगा यह NAV का बहुत छोटा सा हिस्सा है। Exit Load को लगाने का मकसद है कि निवेशक बहार न जाये क्योकि कई लोग स्कीम्स में एंट्री व एग्जिट करते है। यह उन लोगो के लिए बेकार है जो म्यूच्यूअल फंड से अपना पैसा जल्दी निकलना चाहते है।

4. लॉक इन अवधि

लॉक इन अवधि से तात्पर्य है कि आपको अपना निवेश किया गया पैसा एक निश्चित समय के लिए जमा करना होगा और उस दौरान आप उस पैसे को निकाल नहीं सकते है। अगर आप उस पैसे को निकालते हैं तो आपको अपने निवेश पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।

5. म्यूच्यूअल फंड रिटर्न पर टैक्स

म्यूच्यूअल फंड स्कीम पर भी आपको टैक्स देना होता है जिससे कि आप के मुनाफे का कुछ प्रतिशत कम हो जाता है। अगर आप 12 महीने से कम अवधि के लिए इक्विटी में निवेश करते है तो आपको short term capital gain के रूप में 15% टैक्स और अगर आप 12 महीनों से अधिक समय के लिए निवेश करते है तो long term capital gain के रूप में 10% टैक्स देना होता है इसलिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय आप कोशिश करें कि आप अपनी निवेश की गई राशि को लंबे समय तक स्टॉक बाजार में लगा पाए ।

क्या आप Mutual Fund में निवेश करना चाहते हैं?

यदि आप Mutual Funds में अपने पैसे निवेश करना चाहते हैं तब ऐसे में आप Discount Broker “Upstox” पर अपना account बना सकते हैं. इसमें आप बहुत ही जल्द और आसानी से Mutual Fund Account खोल उसमें अपने पैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं। नीचे इसकी link दी गयी है।

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सबसे अच्छा म्यूचुअल फंड कौन सा है?

What is Mutual Fund? भारत में सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड कंपनियां

•एसबीआई म्यूचुअल फंड

• आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड

•एचडीएफसी म्यूचुअल फंड

•डीएसपी ब्लैकरॉक म्यूचुअल फंड

•आदित्य बिरला सन लाइफ म्यूचुअल फंड

• म्यूचुअल फंड बॉक्स

•एलएंडटी म्यूचुअल फंड

• टाटा म्यूचुअल फंड

सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला म्यूचुअल फंड कौन सा है?

2022 में ओवरऑल टॉप रिटर्न देने वाली स्कीम्स.  इस साल में ओवरऑल सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाली स्कीम्स में निप्पॉन इंडिया ETF निफ्टी PSU बैंक BEES और कोटक निफ्टी PSU बैंक ETF दोनों 78 फीसदी के साथ टॉप पर है. वहीं ICICI प्रू इंफ्रास्ट्रक्चर ने 37 फीसदी, SBI PSU फंड ने 36 फीसदी और भारत 22 ETF ने 36 फीसदी का रिटर्न दिया है.

म्यूचुअल फंड कितने साल तक रखना चाहिए?

अगर लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प नजर आता है. निवेश अवधि 20 या 25 साल या उससे अधिक की है, तो बेहिचक म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.

मुझे म्यूचुअल फंड पर कितना खर्च करना चाहिए?

निष्कर्ष । अपनी वित्तीय योजना में 50:30:20 नियम को लागू करना महत्वपूर्ण है। अपनी सैलरी का कम से कम 20% म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए और बाद में जब भी संभव हो बढ़ा सकते हैं।

क्या मैं म्यूचुअल फंड में 1000 रुपये निवेश कर सकता हूं?

SIP पर मिल रहा बंपर रिटर्न. आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं. 1000 रुपए की एसआईपी (SIP) से आप करोड़पति बनने तक का सफर तय कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड में पैसा कब लगाएं?

बाजार के सभी जानकार मानते हैं कि म्यूचुअल फंड्स में इंश्योरेंस की तरह ही होता।
जितनी जल्दी हो निवेश की शुरुआत कर देनी चाहिए. दरअसल युवावस्था में खर्च सीमित किए जा सकते हैं. हालांकि जिम्मेदारी बढ़ने के साथ ये संभव नहीं हैं.

अगर मैं एसआईपी में 5000 निवेश करूं तो मुझे कितना मिलेगा?

SIP रिटर्न की गणना-12 प्रतिशत की अपेक्षित दर पर 10 वर्षों के लिए 5,000 रुपये का मासिक निवेश आपको 11.61 लाख रुपये कमाएगा। इस परिदृश्य में आपके द्वारा किया गया
लाभ लगभग 5.61 लाख रुपये (11.61 लाख माइनस 5000*10*12) होगा।

Benefits of Mutual fund | म्युचुअल फंड के लाभ

योजनाओं की विविधता

व्यक्तियों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए फंड हाउस द्वारा डिजाइन की गई म्यूचुअल फंड योजनाओं की विभिन्न श्रेणियां हैं। म्यूचुअल फंड योजनाओं की व्यापक श्रेणियों में शामिल हैं इक्विटी फंड, डेट फंड, तथा हाइब्रिड फंड. ये योजनाएँ जोखिम और प्रतिफल, निवेश की अवधि, आधारभूत पोर्टफोलियो संरचना, और इसी तरह। इन मापदंडों के आधार पर, जोखिम से बचने वाले व्यक्ति डेट फंड में निवेश करना चुन सकते हैं, जबकि जोखिम लेने वाले व्यक्ति इक्विटी फंड में निवेश करना चुन सकते हैं। जोखिम-तटस्थ व्यक्तियों द्वारा हाइब्रिड फंडों को चुना जा सकता है।

विविधता

म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो में कई शेयर, बॉन्ड और कई अन्य वित्तीय साधन होते हैं। परिणामस्वरूप, व्यक्ति केवल म्यूचुअल फंड योजना में निवेश करके, विभिन्न उपकरणों में अपनी होल्डिंग में विविधता ला सकते हैं। इसके अलावा, व्यक्ति विभिन्न म्यूचुअल फंड योजनाओं में अपनी होल्डिंग में विविधता ला सकते हैं। उदाहरण के लिए, उच्च जोखिम भूख वाले व्यक्ति अपनी हिस्सेदारी का बड़ा हिस्सा इक्विटी फंडों में निवेश करना चुन सकते हैं|

छोटी मात्रा में निवेश करें

व्यक्ति कर सकते हैं म्युचुअल फंड में निवेश के माध्यम से सिप या व्यवस्थित निवेश योजना. एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश का एक तरीका है जिसमें; व्यक्तियों को नियमित अंतराल पर छोटी मात्रा में निवेश करने की आवश्यकता होती है। SIP के माध्यम से, व्यक्ति विभिन्न उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है जैसे कि घर खरीदना, वाहन खरीदना, सेवानिवृत्ति योजना, और इसी तरह । इसलिए, SIP को लक्ष्य आधारित निवेश के रूप में भी जाना जाता है। व्यक्ति कम से कम 500 रुपये के न्यूनतम निवेश के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर सकते हैं।
लिक्विडिटी

म्यूचुअल फंड ऑफर लिक्विडिटी जिसका अर्थ है कि व्यक्ति अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी समय म्यूचुअल फंड से अपना पैसा आसानी से निकाल सकते हैं। कुछ म्युचुअल फंड योजनाओं में, विशेष रूप से कुछ लिक्विड फंड योजनाओं में, व्यक्ति अपना पैसा जमा करवा सकते हैं बैंक आदेश देने के 30 मिनट के भीतर खाता। अन्य योजनाओं में, मोचन निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार होता है। इसलिए, म्यूचुअल फंड के मामले में तरलता का स्तर अधिक होता है।

सर्वश्रेष्ठ म्युचुअल फंड का चयन कैसे करें?

म्यूच्यूअल फण्ड के फायदे और नुकसान को समझने के बाद, आइए अब इसकी प्रक्रिया को समझते हैं बेस्ट म्यूचुअल फंड का चुनाव कैसे करें. ये चरण नीचे सूचीबद्ध हैं।

Step 1: अपने निवेश उद्देश्य का वर्णन करें: व्यक्तियों को पहले म्यूचुअल फंड योजना में निवेश करने से पहले अपने निवेश उद्देश्य का वर्णन करना होगा। यहां, उन्हें निवेश पर अपने अपेक्षित रिटर्न, निवेश की अवधि, जोखिम – भूख और अन्य संबंधित कारकों को भी परिभाषित करना चाहिए। इससे उन्हें अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप योजना के प्रकार का चयन करने में मदद मिलेगी।

Step 2: म्यूचुअल फंड रेटिंग का विश्लेषण करें: आवश्यकताओं के अनुरूप म्युचुअल फंड के प्रकार को चुनने के बाद, अगला कदम इसकी जांच करना है म्यूचुअल फंड रेटिंग. इस चरण में, व्यक्तियों को योजना के पिछले प्रदर्शन, उसके एयूएम, पोर्टफोलियो संरचना, फंड की आयु, निकास भार और अन्य कारकों को सत्यापित करने की आवश्यकता होती है।

Step 3: एएमसी पर शोध करें: अगला कदम इस पर शोध करना है एएमसी. इस चरण में, व्यक्तियों को एएमसी और म्यूचुअल फंड योजना का प्रबंधन करने वाले फंड मैनेजर की साख की जांच करने की आवश्यकता होती है। एएमसी पर शोध महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एएमसी है जो म्यूचुअल फंड योजना का प्रबंधन करती है।

Step 4: अपने निवेश की निगरानी करें: यह अंतिम चरण है जहां व्यक्तियों को नियमित रूप से अपने निवेश की निगरानी करने की आवश्यकता होती है। यदि आवश्यक हो तो वे अधिकतम संभव रिटर्न अर्जित करने के लिए अपने पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित भी कर सकते हैं।

आज आपने क्या सीखा?

ये थी Mutual Fund क्या होता है? | कितने प्रकार के होते हैं? | What is Mutual Fund in Hindi?  से जुडी जानकारी, मुझे उम्मीद है की आपको समझ में आ गया होगा की Mutual Fund क्या होता है? | कितने प्रकार के होते हैं? | What is Mutual Fund in Hindi? उसे कैसे पाया जा सकता है और उसके क्या फायेदे और नुक्सान है.

हमारी हमेशा से कोशिश रहती है Mutual Fund क्या होता है? | कितने प्रकार के होते हैं? | What is Mutual Fund in Hindi?  से जुडी वो सभी जानकारी प्रदान करें जो की महत्वपूर्ण हैं। आपको हम Mutual Fund क्या होता है? | कितने प्रकार के होते हैं? | What is Mutual Fund in Hindi?  के बारे में ऐसे ही और भी जानकारी प्रदान करते रहेंगे। अगर आपको और कुछ भी मालूम है तो हमारे साथ जरुर share करिए.






















































































































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