म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है. इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड द्वारा इन पैसों को को बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर निवेश किया जाता है. आसान शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसे से बना एक फंड (Fund) होता है. यहां पर एक फंड मैनेंजर होता है, जो फंड को सुरक्षित तरीके से थोड़ा-थोड़ा करके अलग-अलग जगह पर निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न सिर्फ शेयर बाजार में बल्कि गोल्ड पर भी निवेश कर सकते हैं|
म्यूचुअल फंड का इतिहास | History of Mutual Fund
What is Mutual Fund? भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारत सरकार की पहल पर भारत पर यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) के गठन के साथ भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग 1963 में शुरू हुआ था.
इसका मुख्य उद्देश्य था छोटे निवेशकों को आकर्षित करना और उन्हें निवेश तथा बाजार से सम्बंधित विषयों से अवगत कराना.
UTI का गठन संसद के एक अधिनियम के तहत 1963 में किया गया था. इसकी स्थापना भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा की गयी थी. और शुरूआती समय में इसने RBI के अंतर्गत काम किया.
1978 में UTI को RBI से अलग कर दिया गया. भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) को आरबीआई के स्थान पर विनियामक (Regulatory) और प्रशासनिक नियंत्रण (Administrative control) का अधिकार मिला. और UTI ने इसके अंतर्गत काम करना शुरू किया.
भारत में Mutual Funds के विकाश को कई चरणों में बांटा जा सकता है. जैसे की पहला चरण 1964 से 1987 तक का था जिसमे UTI के पास 6700Cr ₹ का fund आ चूका था.
इसके बाद 1987 से दूसरा चरण शुरू होता है इसमें public sector फण्ड की entry शुरू हुयी. इस समय में बहुत सारे बैंको को Mutual Funds बनाने का मौका मिला.
SBI ने पहला NONUTI mutual fund बनाया. दूसरा चरण 1993 में खत्म हुआ पर दूसरा चरण के खत्म होते होते AUM यानी की Assets under management ₹6700Cr से कहीं ज्यादा बढ़कर ₹47004CR हो गया. इस चरण में निवेशकों के मध्य म्यूचुअल फंड में काफी उत्साह देखने को मिला|
तीसरा चरण 1993 से शुरू हुआ जो की 2003 तक चला दस चरण में private sector funds कोतीसरा चरण 1993 से शुरू हुआ जो की 2003 तक चला. इस चरण में private sector funds को में मंजूरी मिली. इसी चरण में निवेशकों को Mutual Funds के ज्यादा विकल्प मिले. इस चरण का अंत 2003 में हुआ.
चौथा चरण 2003 से शुरू हुआ जो अब तक चल रहा है. 2003 में UTI को दो अलग चरणों में बाँट दिया गया. पहला SUUTI और दूसरा UTI mutual fund जो की SEBI MF के नियमो के अनुसार काम करते थे. 2009 की आर्थिक मंदी का असर पूरी दुनिया पर पढ़ा|
What is Mutual Fund?
म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है. इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे निवेश करते हैं.
क्या है ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC)?
ऐसी कंपनियां विभिन्न निवेशकों के द्वारा जमा किए गए फंडों को विभिन्न जगहों जैसे इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड, आदि में निवेश करती हैं और इस निवेश से मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के अनुसार बांट देती हैं. एक अच्छा फंड मैनेजर फंड को सही तरीके से निवेश कर उसपर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न प्राप्त कर सकता है, जिससे निवेशक को अच्छे रिटर्न प्राप्त होंगे|
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म्यूचुअल फंड के प्रकार | Types of Mutual Fund
म्यूच्यूअल फंड्स कई प्रकार के होते है. इनको हम 2 श्रेणियों में बांट सकते है|
पहला संरचना के आधार पर म्यूचुअल फंड के प्रकार
दूसरा asset के आधार पर Mutual Funds के प्रकार|
A) संरचना के आधार पर Mutual Funds के प्रकार
1.) Open Ended Mutual Fund
2.) Close Ended Mutual Fund
3.) Interval Funds
B) एसेट के आधार पर म्यूच्यूअल फंड्स के प्रकार
1.) Debt Funds
2.) Liquid Mutual Funds
3.) Equity Funds
4.) Money Market Funds
5.) Balanced Mutual Funds
म्युचुअल फंड सही है या गलत ?
म्युचुअल फंड सही या ग़लत सीधे तरीक़े से कह पाना आसान नहीं है। क्यूँकि सभी चीजों के दो पहलू होते हैं, लेकिन हाँ म्युचुअल फंड के पक्ष में ज़्यादा अच्छे मत है लोगों के। वहीं आपको जब भी म्युचुअल फंड में निवेश करने की बारी आएगी तब वहाँ पर आपको ये समझना होगा आप उतना ही पैसा निवेश करें जितनी आपकी क्षमता हो
साथ में हमेशा खुद की रीसर्च करें किसी भी म्यूचूअल फंड में निवेश करने से पहले। किसी के बहकावे में आकार निवेश न करें।
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करे?
वैसे तो Market में आपको ऐसे कई सारे Android App मिल जायेंगे जिनका इस्तमाल कर आप आसानी से Mutual Fund में invest कर सकते हैं. उनमें कुछ ख़ास हैं जैसे की Groww, MyCams, InvesTap, KTrack Mobile App, IPRUTouch App इत्यादि.
सबसे बेस्ट म्यूच्यूअल फण्ड कौन सा है?
चलिए अब जानते हैं की, अभी के समय की वो 5 बेहतरीन म्यूचुअल फंड कौन कौन सी है जिसमें आप निवेश सकते हैं।
एक्सिस ब्लूचिप फंड
मिराए एसेट लार्जकैप फंड
पराग पारेख लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड
कोटक स्टैंडर्ड मल्टीकैप फंड
एक्सिस मिडकैप फंड
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म्यूचुअल फंड के फायदे
वैसे तो Mutual Funds के कई फायदे हैं लेकिन जो महत्वपूर्ण फायेदे हैं उसके बारे में में आज में आप लोगों को पूरी जानकारी देने ही कोशिस करूँगा.
1. Professional Management
आपके द्वारा म्यूच्यूअल फंड्स में लगाया गया पैसा म्यूच्यूअल फंड्स विशेषज्ञों द्वारा उनके अनुभव और उनके हुनर के साथ manage किया जाता है.
2. Diversification (विविधता)
सुरक्षित निवेश का मूल मंत्र है की अपने पैसे को एक जगह न लगा कर बहुत सारी जगहों पर बाँट दो और कई सारी जगहों पर निवेश करो|
3. Variety (विकल्प)
Mutual Funds में आज हर तरह के व्यक्ति के लिए कुछ न कुछ है. ज्यादा रिटर्न्स की चाहा रखने वालो के लिए ज्यादा रिटर्न्स वाले, अधिकतम सुरक्षित निवेश की इच्छा रखने वालो के लिए अधिकतम सुरक्षित फंड्स से लेकर हर तरह के फंड्स मौजूद है.
4. Convenience (सुविधा)
आप बड़ी ही सरलता से Mutual Funds में निवेश कर सकते है. उतनी ही सरलता से आप फंड्स से पैसे निकाल भी सकते है. निवेश करने के लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा जो की आप ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों जगहों या कहीं पर से भी भर सकते है.
5. Affordable (सस्ता)
बड़ी कंपनियों के शेयर की कीमत काफी ज्यादा होती है. बहुत बार आप उन कंपनियों में पैसा लगाना चाहते है पर आपका बजट कम होने की वजह से आप ऐसा नहीं कर पाते. जबकि Mutual Funds में बहुत सारे लोगों का पैसा एक साथ होता है तो आपके पैसे से बड़ी कंपनियों में निवेश किया जाता है.
6. Tax Benefits
What is Mutual Fund | जब भी आप शेयर बाजार में निवेश करते है तो आपको शेयर खरीदने या बेचने के लिए टैक्स देना पढता है. पर Mutual Funds में आपको टैक्स पर छूट मिलती है.
Mutual Funds में निवेश करने से पहले सारे दस्तावेज और फंड्स से जुडी सारी जानकारी एकत्रित कर ले. किसी भी नुक्सान के आप स्वयं ज़िम्मेदार होंगे.
म्युचुअल फंड के प्रकार | Types Of Mutual Fund
अपने investment portfolio के आधार पर mutual fund कई प्रकार के होते हैं। SEBI ने mutual funds को 5 भेदों में श्रेणीबद्ध categorized किया है। इनका संक्षेप में परिचय हम नीचे दे रहे हैं।
इक्विटी फंड | Equity Fund
Equity mutual funds का ज्यादातर पैसा shares में लगाया जाता है। ऐसी schemes के fund manager को कम से कम 65% परसेंट रकम शेयर में ही लगानी होती है। बाकी बचे पैसे को वो बॉन्ड या फिर बैंक में रख सकता है। अब चूंकि equity mutual fund को शेयरों में निवेश किया जाता है। तो इनका return भी share market के हिसाब से मिलता है। यानी कमाई की सबसे ज्यादा संभावना होती है लेकिन रिस्क भी इसमें ज्यादा होता है।
Equity fund से होने वाली Income पर long term capital gains tax नहीं लगता है, जबकि short-term capital gain को आपकी Income में जोड़कर tax calculation में शामिल करते हैं।
डेट फंड | Debt Fund
इस प्रकार के mutual fund की रकम को मुख्य रूप से bonds और corporate fixed deposit में निवेश किया जाता है। किसी debt mutual fund के साथ यह अनिवार्य शर्त होती है कि उसका कम से कम 65 प्रतिशत पैसा बॉन्ड या बैंक डिपॉजिट में लगाय अब चूंकि debt funds को fixed return देने वाले बॉन्ड X में लगाया जाता है, इसलिए इनमें risk भी तुलनात्मक रूप से कम होता है। लेकिन इनसे आपको जबर्दस्त फायदे की भी उम्मीद नहीं करनी चाहिए। वैसे अच्छे debt funds आपको bank fixed deposits की अपेक्षा बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।
अगर आप अपने debt fund को 3 साल बाद भुनाते हैं तो इस पर आपको long term capital gains tax चुकाना पड़ता है। इस long term capital gains tax की दर बिना indexation के 10 प्रतिशत होगी और indexation के साथ 20 प्रतिशत।
अगर आप 3 साल के पहले अपनी debt mutual fund units को बेच देते हैं तो इससे हुई आमदनी पर आपको short-term capital gains tax चुकाना पड़ेगा। इस short-term capital gain को आपकी कुल आमदनी में जोड़ा जाएगा और फिर आपके Tax Slab के हिसाब से Tax की गणना होगी।
बैलेंस्ड म्युचुअल फंड | Balanced Mutual Fund
Balanced Mutual Fund आपके पैसे को शेयर और बॉन्ड दोनों में लगाते हैं। जैसा कि आप जानते ही हैं कि शेयर में return ज्यादा मिलता है लेकिन वो risky होते हैं जबकि bond सुरक्षित होते हैं लेकिन उसमें रिटर्न कम मिलता है। इसलिए इन दोनों में पैसे लगाकर ये म्यूचुअल फंड safety के साथ-साथ बढ़िया रिटर्न देने की कोशिश करता है।
हालांकि ये म्यूचुअल, शुद्ध शेयर में पैसा लगाने वाले equity mutual fund से कम return देते हैं और शुद्ध बॉन्ड में पैसा लगाने वाले debt fund से कम safe होते हैं। Market के अच्छे समय में ये funds न तो Equity Funds की तरह बहुत ऊंचा रिटर्नदेते हैं और न ही Market के बुरे समय में Equity Funds की तरह ये आपको बहुत खराब return देते हैं।
ये फंड निवेश में संतुलित रवैया (balanced approach) अपनाते हैं और market की condition के हिसाब से शेयरों और बांडों में निवेश करते हैं।
भारत में ‘balanced’ funds का झुकाव भी equity यानी शेयरों में निवेश की तरफ ज्यादा दिखता है। ज्यादातर अपने portfolio का कम से कम 65 प्रतिशत तक शेयरों में लगाते हैं। ऐसा वे इसलिए करते हैं ताकि tax बचाने में ज्यादा से ज्यादा मदद मिल सके। चूंकि, ऐसे funds, जिनका निवेश, शेयरों में 65 प्रतिशत से अधिक होता है, उन्हें equity mutual funds माना जाता है। ऐसे में इन पर long term capital gains tax लागू नहीं होगा और वे ज्यादा tax benefit उठा सकते हैं।
कुछ और भी ऐसे Fund होते हैं, जिन्हें तकनीकी रूप से balanced या hybrid funds कहा जा सकता है, लेकिन mutual fund कंपनियां उनके नाम के साथ ‘balanced’ शब्द नहीं जोड़तीं।
ये funds अपने Portfolio का 65 प्रतिशत से कम शेयरों लगाते हैं। इनका शेयरों में निवेश 20 से 30 प्रतिशत हो सकता है। ऐसे funds से होने वाली आमदनी पर long term capital gains tax भी लगता है। भारत में इस तरह के funds मासिक आय योजना (monthly income plans) के रूप में होते हैं। ये आपको हर महीने एक निश्चित आय प्रदान करते हैं। ऐसे Funds आपकी पूंजी की सुरक्षा पर ज्यादा जोर रखते हैं और लगभग निश्चित रिटर्न (fixed return) देते हैं।
टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड | Tax Saving Mutual Funds Tax Saving Mutual Funds Equity linked saving scheme या ELSS भी कहा जाता है। चूंकि Equity linked saving scheme या ELSS में लगाए गए पैसे पर सरकार टैक्स छूट देती है, इसलिए इन्हें Tax Saving Mutual Funds कहा जाता है। ये टैक्स बचाने के कुछ सबसे अच्छे उपायों में से एक हैं। ELSS में निवेश किया गया पैसा कम से कम 3 साल के लिए locked हो जाता है। यानी कि आप इनमें लगाया गया पैसा 3 साल के पहले नहीं निकाल सकते।
ELSS का पैसा मुख्य रूप से शेयरों में लगाया जाता है, इसलिए ये अक्सर आपको अच्छा-खासा returns भी दे सकते हैं। हालांकि, अन्य equity mutual funds की तरह risky भी होते हैं।
ELSS से section 80C के तहत tax saving होती है। जैसा कि इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी में ऐसे निवेशों को रखा गया है जिनमें पैसा लगाने से आपकी टैक्स देनदारी घट जाती है। आप इनमें जितना पैसा लगाते हैं उतना पैसे आपकी taxable income से घट जाता है। PPF investment, Home loan principal, NSC, tax रखा गया है जिनमें पैसा लगाने से आपकी टैक्स देनदारी घ X जाती है। आप इनमें जितना पैसा लगाते हैं उतना पैसे आपकी taxable income से घट जाता है| PPF investment, home loan principal, NSC, tax saving FD, insurance, tuition fees 3R EPF contribution वगैरह भी section 80C के तहत टैक्स छूट की सुविधा के हकदार होते हैं।
इन सारे tax saving निवेशों में ELSS का lock इन period सबसे कम होता है। यानी कि अगर आप कम समय के लिए अपना पैसा जाम करके ज्यादा Tax बचाने की सोच रहे हैं तो Tax Saving Mutual Funds यानी ELSS सबसे बेहतर Option हो सकता हैं।
इंडेक्स फंड | Index Fund
इंडेक्स फंड भी अन्य equity fund की तरह शेयरों में पैसा निवेश करता है। लेकिन यह equity fund से अलग इस मायने में होता है कि यह अपने हिसाब से चुने हए शेयरों में पैसा नहीं लगाता। बल्कि बाजार के सूचकांकों (market indices) के structure की ही copy करके पैसा लगाता है। Sensex, Nifty, CNX-200, CNX 500 वगैरह बाजार सूचकांक हैं।
इन सूचकांकों (indices) में कुछ निश्चित कंपनियों के Share ही शामिल होते हैं। हर शेयर का उस सूचकांक (index) में एक fixed weightage होता है। कोई Index Fund जिस सूचकांक को Follow करता है, वह उसमें शमिल सभी शेयरों में पैसा लगाता है। शेयरों में पैसा भी उसी अनुपात में लगाया जाता है जिस अनुपात में उन शेयरों को सूचकांक में वजन दिया जाता है।
उदाहरण के लिए अगर एक index fund है Sensex नकल करता है। तो यह भी Sensex की तरह ही उन 30 shares में ही पैसा लगाएगा। हर शेयर को वह Sensex के समान ही weightage भी प्रदान करेगा। यानी कि ऐसे index fund के लिए भी Sensex की तरह reliance, TCS, ITC वगैरह सबसे ज्यादा weightage वाले शेयर होंगे।
सेंसेक्स के portfolio की हूबहू नकल करने के कारण यह index fund सेंसेक्स की तरह ही Return भी देगा। हालांकि, index fund से आपको हूबहू वैसे ही Return की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि Copy करने में थोड़ा टाइम लग सकता है। इसे निवेश की भाषा में tracking error कहते हैं। चूंकि इस copycat fund में fund manager यानी म्यूचुअल फंड कंपनी की भूमिका बहुत कम होती है। इसलिए index fund में fund management charge भी काफी कम होता है। आप mutual fund distributor के माध्यम से mutual fund companies से index fund खरीद सकते हैं।
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड | Exchange Traded Fund
Exchange Traded Fund (ETF) मूल रूप से Index Fund ही होते हैं। लेकिन इन index funds को stock exchange में सीधे खरीदा बेचा जा सकता है। शेयरों की तरह ही exchange-traded fund की कीमत भी बाजार के घंटों (market hours) के दौरान लगातार बदलती रहती है। आप किसी शेयर दलाल (stockbroker) से exchange traded fund खरीद सकते हैं। इन्हें खरीदने के लिए, यानी कि इनमें पैसा लगाने के लिए आपको mutual fund distributor की जरूरत नहीं होती।
हेज फंड | Hedge Fund
हेज फंड थोड़ा उदार फंड होते हैं। ये किसी regulation के तहत बंधे नहीं होते। और न ही retail investor इनमें पैसा लगा सकत हैं। सिर्फ कुछ select group of high net worth individuals ही सामूहिक रूप से hedge funds में निवेश करते है। hedge funds का fund manager भी आक्रामक रणनीति के साथ शेयरों में पैसा लगाता है। hedge funds का fund manager दुनिया में कहीं भी पैसा निवेश कर सकता है।
वह जैसे चाहे वैसे equity, bond, gold या commodity कहीं भी पैसा लगाए हेज फंड का fund manager सिर्फ profit के लिए काम करता है। इसमें investor आसानी से अपना पैसा नहीं निकाल सकता है। निवेशकों को कम से कम 1 साल के लिए पैसा लगाए रखने को कहा जाता है।
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म्यूचुअल फंड कैसे खरीदें?
इसके लिए आप मोबाइल एप्प, एजेंट के माध्यम या फिर ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर जाकर आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.
आज कई ऐसे प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं, जिनके माध्यम से आप एक जगह से कई म्यूचुअल फंड की स्कीम खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं, आप अपनी म्यूचुअल फण्ड स्कीम की ग्रोथ, रिटर्न की तुलना एवं ट्रैकिंग भी आसानी से कर सकते हैं. ऑनलाइन निवेश ने म्यूचुअल फंड को ओर आसान बना दिया है.
(नोट: म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)
आज आपने क्या सीखा?
ये थी क्या हैं म्यूचुअल फंड? से जुडी जानकारी, मुझे उम्मीद है की आपको समझ में आ गया होगा की क्या हैं म्यूचुअल फंड? उसे कैसे पाया जा सकता है और उसके क्या फायेदे और नुक्सान है.
हमारी हमेशा से कोशिश रहती है क्या हैं म्यूचुअल फंड? से जुडी वो सभी जानकारी प्रदान करें जो की महत्वपूर्ण हैं। आपको हम क्या हैं म्यूचुअल फंड? के बारे में ऐसे ही और भी जानकारी प्रदान करते रहेंगे। अगर आपको और कुछ भी मालूम है तो हमारे साथ जरुर share करिए.
क्या हैं म्यूचुअल फंड?
म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है
म्यूचुअल फंड का इतिहास
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारत सरकार की पहल पर भारत पर यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) के गठन के साथ भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग 1963 में शुरू हुआ था.
म्यूचुअल फंड के प्रकार
म्यूच्यूअल फंड्स कई प्रकार के होते है. इनको हम 2 श्रेणियों में बांट सकते है
म्युचुअल फंड सही है या गलत ?
म्युचुअल फंड सही या ग़लत सीधे तरीक़े से कह पाना आसान नहीं है। क्यूँकि सभी चीजों के दो पहलू होते हैं, लेकिन हाँ म्युचुअल फंड के पक्ष में ज़्यादा अच्छे मत है लोगों के
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करे?
वैसे तो Market में आपको ऐसे कई सारे Android App मिल जायेंगे जिनका इस्तमाल कर आप आसानी से Mutual Fund में invest कर सकते हैं